हिंदू धर्म में देव शयनी एकादशी का है विशेष महत्व
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। सनातन धर्म में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में देव शयनी एकादशी का विशेष महत्व है। पंचाग के मतानुसार इस वर्ष देवशयनी एकादशी 10 जुलाई रविवार के दिन पड़ रही है। पं कमल किशोर मिश्र बताते हैं कि सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन के बाद से कोई भी शुभ कार्य विवाह आदि नहीं किए जाते हैं क्योंकि भगवान विष्णु चार महीने के लिए निद्रा अवस्था में चले जाते हैं और इसके बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है। देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पुण्य दान का विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उसके बाद सिर्फ दो पग में ही पृथ्वी और स्वर्ग को नाप लिया और तीसरे पग को रखने के लिए राजा बलि से पूछा तो उन्होंने अपना सिर आगे रख दिया इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक दे दिया और उनसे वर मांगने को कहा तो उन्होंने श्री हरि से कहा कि जिस तरह आप देवताओं के साथ देवलोक में निवास करते हैं उसी तरह आप मेरे साथ भी कुछ दिन तक पाताल लोक में निवास करें इसके बाद भगवान विष्णु सभी देवी-देवताओं के साथ जिस दिन पाताल लोक पहुंचे तो वह दिन देवशयनी एकादशी का दिन था।
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