आतंकवाद को फंडिंग करने के मामले मे छह लाख रुपये सहित चार गिरफ्तार
- नेपाल के रास्ते मंगाया जा रहा था पैसा, भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए
- भारतीय मुद्रा में बदलने का होता था खेल, नेपाली बैंक खाते में मनाया जा रहा था पैसा
डीएनएस डेस्क
लखनऊ। भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए नेपाल के रास्ते
मंगाए गए छह लाख रुपये सहित चार लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। खीरी पुलिस ने टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा किया है। इस मामले में निघासन थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
खीरी पुलिस को कुछ समय से नेपाल के रास्ते अवैध रूप से लाखों रुपये भारत में लाने की सूचनाएं मिल रही थी। इस पर खीरी के पुलिस अधीक्षक ने निघासन थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच को सीमावर्ती क्षेत्र पर नजर रखने के निर्देश दिए थे। पुलिस टीम ने नेपाल-भारत सीमा पर संदिग्ध गतिविधि में जब चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इन लोगों ने सीमा पार से धनराशि लाने की बात स्वीकारी। तलाशी के दौरान उनके पास से भारतीय व नेपाली धनराशि बरामद भी हुई। हिरासत में लिए गए लोगों में खीरी निवासी उम्मेद अली, संजय अग्रवाल, एराज अली और बरेली निवासी समीर सलमानी उर्फ सोनू हैं। उम्मेद अली के पास से दो लाख रुपये, समीर सलमानी के पास से 1.5 लाख रुपये, एराज अली के पास से 1.25 लाख की भारतीय मुद्रा और संजय के पास से 1.35 लाख रुपये नेपाली मुद्रा बरामद की गयी।
एटीएस, क्राइम ब्रांच और पुलिस की पूछताछ में चारों लोगों ने कबूला कि वे लोग इस काम को मुमताज, फहीम, सिराजुद्दीन और सदाकत अली के कहने पर करते रहे हैं। इस काम करने के लिए वे नेपाली बैंक के खाते में रुपये मंगवाते थे, जिसको ये भारतीय मुद्रा में बदल लेते थे। उन्होंने बताया कि जिनके कहने पर ये काम किया जाता था, उनसे उन्हें पांच प्रतिशत कमीशन मिलता था। हाल ही में नेपाल के जनकपुर में राष्ट्र बैंक नेपाल के खाते को हैक कर के 49 लाख नेपाली धनराशि को दो लोगों के खाते में स्थानान्तरित किया गया जहां से रुपया अलग-अलग जगहों पर भेजा गया।
लखीमपुर खीरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि नेपाली खातों में पैसा कहां से आता था, कैसे आता था। इसके स्त्रोत क्या है। मुमताज के नेपाली लिंक क्या-क्या हैं, उसके अन्य सहयोगी कौन है। फहीम और सदाकत द्वारा ये पैसा किन-किन लोगों को दिया गया। धनराशि का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों में किस प्रकार किया गया। इसके पूर्व में भी किस-किस को धनराशि मुहैया करायी गयी है, इन सभी बिन्दुओं पर एटीएस और अन्य टीमें पूछताछ करेगी।उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी एटीएस ने मध्य प्रदेश के एक टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा किया था। एटीएस की टीमें सक्रिय हैं और देश में आतंकवाद फैलाने की कोशिश करने वाले हर बार पकड़े जायेंगे। गिरफ्तार हुए लोगों से काम कराने वाले मुमताज को लम्बे समय से उत्तर प्रदेश और नेपाल की पुलिस तलाश रही है। एटीएस की एक टीम को मुमताज के पीछे लगाया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल डेटा को रिट्रीव किया जा रहा है।
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