पुरानी पेंशन बहाली व संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन की मांग

पुरानी पेंशन बहाली व संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने निकाला मशाल जुलूस



देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के तत्वाधान में एक विशाल मशाल जुलूस बृहस्पतिवार की शाम निकाला गया। जुलूस पुलिस लाइन चौराहे से निकलकर डीएम कार्यालय तक पहुंचाया। इस दौरान परिषद के अध्यक्ष महंथ सिंह, मंत्री परमानंद सहित उप्र स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के संरक्षक अवधेश पटेल, जिलाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, महामंत्री देवेंद्रनाथ पांडे व जिला मीडिया प्रभारी देवनंदन श्रीवास्तव ने सामूहिक रूप से अपर जिलाधिकारी को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
मशाल जुलूस को सम्बोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष महंथ सिंह ने कहा कि लगातार कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। सरकार सरकारी पदों पर जहां पहले संविदा करती थी वहां अब आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को लागू कर रही है। जो कर्मचारी हितों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने नई पेंशन योजना को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषित योजनाओं एवं विभागों में निजीकरण आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाये। उक्त व्यवस्थाओं के तहत कार्यरत कर्मियों को समायोजित किया जाए। रिक्त पदों के सापेक्ष नियमित नियुक्तियां दी जाएं।


संविदा व आउटसोर्सिंग या अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन का भुगतान किया जाए। ऐसे संवर्ग जिनमें छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियां व्याप्त हैं उन्हें दूर कर तदानुसार सातवें वेतन आयोग का लाभ प्रदान किया जाए। राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति समस्त भत्तों की समानता प्रदान की जाये। फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता प्रदान किया जाए तथा सभी संवर्गों को प्राप्त हो रहे भत्तों का पुनरीक्षण किया जाए। डिप्लोमा इंजीयर की नीति समस्त राज्य कर्मियों को भी सप्तम वेतनमान के समतुल्य दी जाए। प्रदेश में सीधी भर्ती की अधिकतम आयु 40 वर्ष के दृष्टिगत एसीपी/एमएसीपी में 8, 16 व 24 वर्ष की सेवा पर तीन पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये। उपार्जित अवकाश के संचय की तीन सौ दिन की सीलिंग को छह सौ दिन किया जाये। कैशलश इलाज का लाभ अभी कर्मियों को नहीं मिल रहा जिसे समाप्त किया जाये। परिषद के मंत्री परमानंद ने कहा कि परिवहन निगम के लिए लंबित मांगों व समस्याओं का समाधान किया जाये। वेतन विसंगतियां दूर की जायें। महंगाई भत्ता दिया जाये।


एसीपी की बहाली सेवा निवृत्ति के उपरांत चिकित्सीय सुविधा व ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाये। 31 दिसम्बर 2001 तक नियुक्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाये। चालक, परिचालक पद का न्यूनतम व आउटसोर्सिंग कर्मियों को मजदरी वेतन के अनुरूप वेतन दिया जाये। 50 वर्ष आयु के कर्मियों की जबरन सेवानिवृत्ति बंद की जाये। उप्र स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संगठन के संरक्षक अवधेश पटेल ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की सेवा नियमावली सहित समान कार्य समान वेतन की व्यवस्था को सरकार अतिशीघ्र लागू करें। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा अब तक सभी आंदोलनों में संविदा कर्मचारियों का साथ दिया गया है। संविदा कर्मचारियों के हितों के लिए परिषद लगातार प्रयासरत है। जिसका मैं संगठन की ओर से आभार करता हूं। इस दौरान जिलाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव ने कहा कि संविदा व आउटासोर्सिंग की व्यवस्था लागू करके सरकार कर्मचारियों का शोषण कर रही है। अधिकारियों द्वारा संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को अनावश्य प्रताडि़त किया जाता है। सेवा नियमावली बनाकर सरकार अतिशीघ्र संविदा कर्मचारियो को नियमित करे और आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी एक समान नियमावली बनाये। इस दौरान परिषद के तमाम पदाधिकारियों सहित उप्र स्वास्थ्य संविदाकर्मी संगठन के पदाधिकारी व आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारी मशाल जुलूस में शामिल हुए। उन्होंने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा गया।

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