गांव में घुसे जंगली जानवर ने सोते हुए दो बच्चों पर किया हमला

गांव में घुसे जंगली जानवर ने सोते हुए दो बच्चों पर किया हमला


कमलेश जायसवाल/देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। धौराहरा वन रेंज के ग्राम मांझा सुमाली में बृहस्पतिवार की सुबह घर में घुसकर दो बच्चों पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया। चीख-पुकार के बाद ग्रामीणों ने जानवर को खदेड़ कर जंगल की और भेज दिया। ग्रामीणों का मानना है कि हमला करने वाला जानवर बाघ या तेंदुआ था। वहीं वन विभाग इसे भेड़िया का हमला बता रहा है।

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ईसानगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत वन रेंज धौराहरा के गांव माझा सुमाली में रहने वाले नसीम व मोहनलाल के घर में बृहस्पतिवार की सुबह एक जंगली जानवर अचानक घुस आया और उसने पहले सोहनलाल के घर में घुसकर उसकी पुत्री सोनम (7) पर सोते समय हमला किया। चीख-पुकार हुई तो जानवर पड़ोस में रहने वाले नसीम के घर में उसके बेटे जुबेर 10 पर हमलावर हो गया। चीख-पुकार के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने किसी तरह इस जानवर को जंगलों में खदेड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों की माने तो हमला करने वाला जानवर बाघ या तेंदुआ था। वहीं वन विभाग इसे भेड़िए का हमला बता रहा है। दोनों घायल बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खमरिया में भर्ती कराया गया है। जहां वह अब खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। मामले पर जानकारी देते हुए वन क्षेत्राधिकारी धौराहरा अनिल शाह बताया कि यह हमला जंगली भेड़िए का लग रहा है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। पद चिन्हों की जांच की जा रही है जिसके बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा या बताया जा सकता है।

4 घंटे तक नहीं मिल सका इलाज

घायल हुए बच्चों को 4 घंटे तक प्राथमिक उपचार नहीं मिल सका। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस गांव तक जाने के लिए कोई भी पक्का रास्ता या कच्चा रास्ता नहीं है। नदी पार कर ही गांव आया और जाया जा सकता है। जिसके लिए क्षेत्र के कुछ लोग ही नाव चलाते हैं। घायलों को इलाज के लिए ले जाने के लिए परिवार वालों को हमले के समय करीब सुबह 5 बजे से करीब 9 बजे तक नाव नही मिली। जिसके बाद बच्चों को प्राथमिक इलाज मिल सका।

परिवारों को मिली पांच-पांच हजार की आर्थिक सहायता

वन क्षेत्राधिकारी धौराहरा ने जहां इस हमले को बाघ या तेंदुए का हमला न बताकर उसे भेड़िए का हमला बताया है तो वहीं इस हमले के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उन्होंने दोनों बच्चों का हाल जाना और उनके परिवार को पांच-पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता विभाग की ओर से दी है।

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