ऐसा क्या हुआ की 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यार्थी लगाते दिखे पोस्टर

ऐसा क्या हुआ की 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यार्थी लगाते दिखे पोस्टर


अंशुमान श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में सरकार द्वारा दिखाई जा रही शिथिलता पर अभ्यार्थियों ने अपना आक्रोश जाहिर किया। तमाम अभ्यर्थियों ने एक साथ रेलवे स्टेशन, ट्रेन, बस और तमाम सार्वजनिक वाहनों और स्थानों पर पोस्टर अभियान चलाया। इस पोस्टर में सरकार से अभ्यार्थियों की समस्या पर ध्यान देने की मांग की गई है।
अभ्यर्थियों द्वारा बताया गया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को हुई थी तब से लेकर आजतक एक साल से ज्यादा हो गया लेकिन माननीय न्यायालय में सरकार की लचर पैरवी के चलते सुनवाई नही हो पा रही है। 4 लाख 10 हजार अभ्यर्थी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे। साथ ही उनके माँ बाप भी ये पीड़ा सहन कर रहे है। हम सभी योग्य अभ्यर्थी 90 97 कटऑफ पर पास है लेकिन सरकार की शिथिलता के कारण न्यायालय में अच्छे से पैरवी नही हो पाती है जिससे एक लंबी डेट न्यायालय में दे दी जाती है।
हमारी मांग है कि सरकार न्यायालय में महाधिवक्ता को भेजकर जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करवाये ताकि हमें शीघ्र न्याय मिल सके और प्राथमिक विद्यालय में  बच्चो को भी योग्य शिक्षक मिल सके।
इसी मांग को लेकर आज लखीमपुर में सैकड़ो अभ्यर्थी पोस्टर अभियान में शामिल हुए और विलोबी हाल से लेकर बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मुख्य सड़के और सरकारी कार्यालयों में पोस्टर लगाकर अपनी पीड़ा सरकार से व्यक्त की इस अभियान में अभिषेक श्रीवास्तव, अवध किशोर, आलोक गौतम, त्रिलोकी नाथ गौरव मिश्रा समेत सैकड़ो अभ्यर्थी शामिल रहे।

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले को लेकर सभी कट ऑफ मेरिट पास अभ्यर्थी सहित सभी अभ्यर्थी लंबे समय से इस भर्ती की प्रक्रिया को पूरी करने की मांग कर रहे हैं, परंतु इनके द्वारा किए जा रहे हैं प्रयास अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं। सरकार के हाथ से निकल का मामला अब उच्च न्यायालय में विचाराधीन है परंतु इन अभ्यर्थियों द्वारा सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार मामले में रुचि नहीं ले रही है यही कारण है कि उच्च न्यायालय में सरकार द्वारा सही से पैरवी नहीं की जा रही है। ऐसा होने के चलते मामले में लगातार विलंब होता जा रहा है। सभी अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान हैं उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। अभ्यर्थियों का यह भी आरोप है कि अगर सरकार ने शुरुआत से ही मामले में अच्छी पैरवी की होती तो आज इसका निर्णय आ चुका होता। सभी अभ्यर्थियों ने यह भी मांग की है कि इस भर्ती प्रक्रिया के पूरे होने तक सरकार द्वारा कोई भी शिक्षक भर्ती की जाए न ही कोई विज्ञप्ति निकाली जाए।

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