नाराज किसानों ने इस गन्ना मिल में रोक दी गन्ना सप्लाई, मिल प्रबंधन परेशान

नाराज किसानों ने इस गन्ना मिल में रोक दी गन्ना सप्लाई, मिल प्रबंधन परेशान



कमलेश जायसवाल

लखीमपुर-खीरी। गोबिन्द शुगर मिल ऐरा में पिछला बकाया भुगतान 42 करोड़ रुपये तत्काल देने की बात कहते हुए किसानों ने सोमवार को करीब दो बजे से गन्ना सप्लाई बंद कर दी। जिससे मिल प्रबन्धक को गन्ने के अभाव में मिल बन्द करनी पड़ गयी। नाराज हुए किसानों से ज़िम्मेदार अधिकारियों ने कई घंटे तक बात की, परंतु कोई नतीजा नहीं निकला।
ऐरा चीनी मिल में सोमवार को पिछला गन्ना बकाया 42 करोण के भुगतान को तत्काल देने व नया भुगतान फरवरी के अंत तक देने की बात कह कर किसानों ने गन्ना सप्लाई अचानक बंद कर दी। मिल गन्ना यार्ड में करीब 700 किसानों ने एकजुटता दिखाते हुए आपसी सहमति से अचानक गन्ना सप्लाई बंद कर दी। जिससे मिल प्रशासन के हाँथ पाँव फूल गए। मिल के केन प्रबन्धक वीके सिंह मिल परिसर में पहुँचकर किसानों से करीब दो घंटे तक बातचीत कर पुराना भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करवाने का अस्वाशन दिया वहीं नया भुगतान उसके बाद देने की बात कहीं। जिससे किसान संतुष्ट नहीं हुए। नाराज किसानों ने अपनी मांग में बताया कि पुराना भुगतान 31 जनवरी तक हरहाल में दे, उसके बाद फरवरी के अंत तक नया भुगतान करें तभी हम लोग गन्ना सप्लाई शुरू करेंगे। इस दौरान दो बजे से लगातार मिल गन्ने के अभाव में बन्द रही।
इस दौरान क्षेत्र के किसान जगदीश कटियार मोहमदापुर, विशेस्वर देवीपुरवा, ब्रजेश शुक्ला उर्फ पालु फत्तेपुर देवा,  पंकज अवस्थी, ज्वाला प्रसाद शुक्ला, श्यामू शुक्ला, अरुण यादव पैकापुर, अभिषेक वर्मा, सुभाष चंद्र वर्मा रमपुरवा, राहुल कुमार, राजेश तिवारी, रामू यादव, राजकिशोर मिश्रा, नितेश कुमार, अंकित वर्मा, अनन्तु वर्मा महेवा, पप्पू वर्मा पट्टी, यूसुफ अली सुल्तानापुर, मोनू सिंह,श्यामू, राजकिशोर भार्गव, सहित करीब 700 किसान मिल गन्ना यार्ड में मौजूद रहे।

15 फरवरी तक मांगी मोहलत नहीं माने किसान


चीनी मिल में भुगतान को लेकर अचानक किसानों द्वारा गन्ना सप्लाई बंद करने के बाद मिल अधिकारियों ने किसानों से घंटों सामूहिक वार्ता की जिसमें मिल अधिकारी पुराने भुगतान को 15 फरवरी तक देने की बात कह मनाने में जुटे रहे पर किसान पुराना भुगतान 31 जनवरी तक देने पर अड़ गए जिससे दोनों तरफ से बात नहीं बन पाई इस दौरान कुछ किसानों व मिल अधिकारियों से फरवरी के ओहले सप्ताह में भुगतान करने की बातें हुईं जरूर लेकिन नाराज किसानों ने मिल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

क्या कहते है मिल अधिकारी

केन मैनेजर बीके सिंह व कपिल चौधरी ने बताया कि विगत वर्ष का 42 करोड़ रुपये किसानों ल बकाया है। हमारे पास 6 लाख बोरा चीनी लगी हुई है। जिसको बेचने के लिए सरकार कोटा नहीं बढ़ा रही है। वहीं 53 करोड़ रुपये हमारा सरकार के पास बिजली का बकाया है जो मिल नहीं पा रहा है। जिसकी वजह से किसानों का भुगतान रुका हुआ है। फिर भी हम लोग प्रयास कर रहे है कि फरवरी के पहले सप्ताह तक पुराना 42 करोड़ रुपये बकाया किसानों को देने का प्रयास करूंगा।

गन्ना यार्ड की दयनीय स्थिति पर भी जताया विरोध

मिल गन्ना यार्ड में बरसात के बाद से भरे कीचड़  व खुले आसमान में सर्द रातें गुजारकर मिल में गन्ने की सप्लाई कर रहे किसानों ने मिल अधिकारियों से की गई वार्ता के बीच नारकीय जीवन से गुज़रने पर भी नाराजगी व्यक्त की। इसको लेकर किसानों ने मिल अधिकारी कपिल चौधरी से कुछ वर्ष पहले  यार्ड की दुर्दशा सुधारने के अपने वादे को भी तत्काल निभाने की बात कहीं। गन्दगी व कीचड़ भरे यार्ड में सर्द रातें गुज़ारने से हो रही परेशानी को लेकर सभी मौजूद किसानों ने विरोध जताया लेकिन उसका भी कोई हल नहीं निकलता नजर आया। जिसके चलते नाराज़ किसानों ने खबर लिखे जाने तक गन्ने की सप्लाई को बन्द रखने का सिलसिला जारी रखा जिसकी वजह से मिल भी लगातार बन्द रही।

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