करुणा फाउंडेशन द्वारा संतरविदास जयंती के अवसर पर हुई संगोष्ठी व निबंध लेखन प्रतियोगिता
देव श्रीवास्तव डीएनएस न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर खीरी। करुणा फाउंडेशन की अध्यक्ष वैशाली के नेतृत्व में दलित महापुरुषों की जयंती व परिनिर्वाण दिवस की श्रंखला में गोटैयाबाग करूणा फाउंडेशन के कार्यालय पर संत रविदास जयंती के अवसर पर संगोष्ठी व निबंध लेखन प्रतियोगिता भी है की गई।
गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता उमेश पिंपरे ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी भक्तिधार के महान संत थे।
श्री पिंपरे ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म बनारस के गोवर्धनपुर गांव में हुआ।
पेशे से चर्मकार होने के बाबजूद उनका जीवन गरीबी, अशिक्षा, अत्याचार से संघर्ष कर मानवता के लिए समर्पित रहा।
गोष्टी का संचालन करते हुए कवि श्याम किशोर बेचैन ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने छुआ छूत के दंस को बहुत झेला था इसी लिय उनका प्रसिद्ध काव्यपद है कि " रैदास जन्म के कारने होत न कोई नीच, नर कू नीच कर डारि है ओछे करम की नीच"।
इस गोष्ठी में साधना रस्तोगी, लक्ष्मी पाण्डे ने भी काव्य पाठ किया।
इससे पूर्व मुख्य वक्ता उमेश पिंपरे ने संत शिरोमणि सन्त रविदास जी तथा बाबा साहेब आंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कराया।
चंदन लाल, आकाश सिंह, वीरेंद्र भारती, हरि प्रसाद, आकांक्षा पांडे, प्रशांत कुमार, शिवपूजन, कुंवर आयुष्मान, कुलदीप कुमार, कुमार अभिनभ, नैनिका, कुमार अभिजीत, उपस्थित रहे।
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