मंकीपॉक्स को लेकर जिले के सभी डॉक्टर को दिया जाएगा प्रशिक्षण
लखीमपुर खीरी। विश्व में मंकीपॉक्स वायरस का तेजी संक्रमण चल रहा है वहीं भारत के केरल राज्य में मंकीपॉक्स के 2 मरीजों के मिलने के बाद देश और प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि उत्तर प्रदेश में अभी तक इसका कोई भी मरीज नहीं है और ना ही इससे किसी को डरने की आवश्यकता है। परन्तु शासन के निर्देश पर लखीमपुर खीरी जिले में भी जिला पुरुष अस्पताल और जिला महिला अस्पताल के समस्त डॉक्टरों सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात डॉक्टर्स का प्रशिक्षण कराया जाएगा। जिससे विषम परिस्थितियों में इसकी रोकथाम और उपचार के समुचित प्रबंध किए जा सकें।
सीएमओ डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा मंकीपॉक्स रोग की पहचान बचाव एवं उपचार व्यवस्था के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, इन्हीं के क्रम में मंगलवार को जिले के सभी डॉक्टर्स का प्रशिक्षण कराया जाएगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स का संक्रमण का समय आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होता है लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकता है। संक्रमण की अवधि की बात की जाए तो त्वचा पर रैसेस दिखाई देने के 1 से 2 दिन पहले से पपड़ी गिर जाने तक इसकी अवधि मानी जाती है। अगर संक्रमण के माध्यमों की बात की जाए तो मानव से मानव में संक्रमण आमतौर पर लंबे समय तक निकट संपर्क के उपरांत, खांसने व छींकने के दौरान निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से होता है। साथ ही दूषित कपड़े आदि से प्रसारित होता है।
एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता द्वारा बताया गया कि मंकीपॉक्स का संक्रमण पशु से मानव में भी हो सकता है। चूहे गिलहरी सहित बंदर के काटने व खरोंचने से भी संक्रमण की संभावनाएं रहती हैं। साथ ही संक्रमित जीवों के मांस के प्रयोग से भी इसके संक्रमण की संभावनाएं रहती हैं।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण
एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि सामान्यता इसके लक्षण शरीर में चकत्ते पड़ना, ग्रंथियों में सूजन, बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द व असामान्य कमजोरी आदि हैं। एक या एक से अधिक लक्षण होने पर तत्काल प्रशिक्षित चिकित्सक से सलाह प्राप्त करें।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए क्या करें
सीएमओ डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोविड की भांति मंकीपॉक्स के वायरस से भी बचाव सुरक्षित रहने का बेहतर तरीका है। इसके लिए ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, भीड़भाड़ के क्षेत्रों में ना जाएं, एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रहे, स्तनधारी जानवरों के संपर्क में आने से बचें, उनके द्वारा उपयोग किए गए बिस्तर आदि का प्रयोग ना करें, हाथों को बार-बार धुले और लक्षण युक्त मरीज के संपर्क में आने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच कराएं।
मंकीपॉक्स से डरने की नहीं है जरूरत-सीएमओ
सीएमओ डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि लोगों को मंकीपॉक्स से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। अभी भारत में जो मंकीपॉक्स के दो मरीज केरल में मिले हैं उनमें यूरोप में पाया जाने वाला मंकीपॉक्स वायरस नहीं पाया गया है। यह सामान्य लक्षण वाला मंकीपॉक्स वायरस है। स्वयं सतर्क रहकर इससे आसानी से बचा जा सकता है। किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाएं और अफवाहों से बचें भी।
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