नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ दंपत्ति ने अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया खीरी जिले का नाम
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। एनएचएम के अंतर्गत खीरी जिले में तैनात संविदा के 2 डॉक्टर्स ने खीरी जिले का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। यह दोनों डॉक्टर नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ हैं और इनके द्वारा कान की एक अनुवांशिक बहरेपन की बीमारी पर शोध किया गया था। जिसे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस इंग्लैंड ने प्रकाशित किया है और अब यह शोध पत्र विश्व के अन्य चिकित्सकों के लिए संपादकीय वेबसाइट पर उपलब्ध है।
जानकारी देते हुए डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि वे 2020 में एनएचएम के अंतर्गत संविदा पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नकहा में तैनात थे। नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ होने के चलते वहां पर उनके द्वारा लोगों इलाज किया जा रहा था। वहीं जिला पुरुष अस्पताल में तैनात उनकी पत्नी डॉ. प्रियंका शर्मा द्वारा भी लोगों को इलाज के साथ-साथ दोनों के द्वारा मिलकर कान की एक अनुवांशिक बहरेपन की बीमारी ऑटोस्क्लोरोसिस के इलाज के लिए स्टेपीडीटोपी ऑपरेशन पर शोध किया जा रहा था। जिसमें इस बीमारी के ठीक होने को लेकर शोध के पूरे होने पर 98.5 प्रतिशत की सफलता का आकलन किया गया।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह शोध उपरोक्त ऑपरेशन में विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा संख्या के मरीजों पर किया गया प्रकाशन है। इस शोध पत्र पर जनवरी 2020 में समीक्षा शुरू हुई थी। जब वे और उनकी पत्नी स्वास्थ्य विभाग में तैनात थे।
लगभग 2 वर्ष की संपादकीय समीक्षा के बाद नवंबर 2021 में इस शोध पत्र को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस इंग्लैंड द्वारा प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया एवं प्रकाशन स्वीकार होने के पश्चात शोध पत्र की समीक्षा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर द्वारा भी की गई थी और इस दौरान उनके द्वारा इस शोध की प्रशंसा की गई थी। सभी सैद्धांतिक अनुसंधान कार्यों के पश्चात यह शोध पत्र संपादकीय वेबसाइट पर विश्व के अन्य चिकित्सकों के लिए अब उपलब्ध है। इसे लेकर सीएमओ खीरी डॉ. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी, और एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता द्वारा दोनों ही चिकित्सक के शोध पत्र की सराहना और प्रशंसा भी की गई है।
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