शिव पुराण कथा छाया कुआं नौरंगाबाद हुई शिव पुराण कथा, भक्तों ने किया रसपान

शिव पुराण कथा छाया कुआं नौरंगाबाद हुई शिव पुराण कथा, भक्तों ने किया रसपान

देव नन्दन श्रीवास्तव 
लखीमपुर-खीरी। नौरंगाबाद स्थित छायांकुआं मंदिर प्रांगण में चल रही शिव पुराण कथा के खष्टम दिवस के अवसर पर कथा व्यास पंडित हरिकृष्ण शास्त्री ने कथा सुनाते हुए मानव जीवन का महत्व बताया। उन्होंने भगवान शिव के विवाह कथा बड़े रोचक ढंग से सुनाया। भगवान शिव के विवाह का वर्णन करते हुए पंडित हरिकृष्ण शास्त्री ने कहा भगवान शिव की बारात जब राजा हिमांचल के द्वार पर पहुंची लोग दूल्हे को देखने के लिए दौड़ते हैं , देखते हैं दूल्हे के गले में सर्पों की माला , मुंडो की माला देखकर और साथ में बारातियों को देखकर किसी के हांथ नहीं किसी पैर नहीं और भोले बाबा दूल्हे के रूप में नंदी पर सवार होकर पहुंचते ही लोग घबराकर भाग पड़े माता मैना स्वरूप देखकर बेहोश हो गईं उसी समय माता पार्वती नारद जी भगवान शिव से स्वरूप बदलने का आग्रह करते हैं भगवान शिव के स्वरूप के बदलते ही लोगों को  आंखे चकरा गईं बढ़ता तेज अत्यंत सुंदर स्वरूप देखकर मां पार्वती ने पुनः अपने स्वरूप में आने को कहा इतने सुन्दर स्वरूप चमकते प्रकाश के सामने कोई  टिक नहीं पा रहा था और इस तरीके से भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह  संपन्न होता है बारातियों में ब्रम्हा , विष्णु , इंद्र ,सूर्य , कुबेर , गरुण आदि देवता मौजूद रहे।

विवाह के वर्णन के साथ साथ भागवत व्यास पंडित हरिकृष्ण शास्त्री जी ने पुरुषोत्तम मास का बड़े उत्तम ढंग से महत्व बताया कहा ये  अवसर 19 वर्षों बाद आया है हम सभी को इस मास में परिवार के साथ भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए कथा सुनाते हुए व्यास जी ने लोगों से गौ रक्षा का आह्वान किया कहा गाय हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है गाय की सेवा हम सबको करनी चाहिए जिस दिन देश में गाय की संख्या कम होगी गाय परेशान होगी उस दिन प्रकृति संकटमय हो जाती है हमे अपने परिवार की रक्षा के लिए राष्ट्र  की रक्षा के लिए गौ और गंगा को बचाना होगा।

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