कोटेदार की शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। गरीबों के अनाज पर और उनके हक पर सेंध मारी करने के तमाम आरोप ऐसे तो नेताओं और साहूकारों पर लगाते रहे। परंतु इन दिनों यह आप उसे पर लग रहे हैं, जिसे उनके हक को सुरक्षित रखते हुए उनके अनाज को उनके पास तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। जी हां हम बात कर रहे हैं जिला पूर्ति विभाग की और यहां बैठे आला अधिकारियों की।
ताजा मामला अग्गर बुजुर्ग गांव से सामने आया है जहां के कोटेदार अंजनी कुमार सिंह द्वारा गरीब जनता के राशन में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत न सिर्फ जिला पूर्ति अधिकारी से की गई है बल्कि कमिश्नर लखनऊ मंडल से जनता दरबार में भी की गई थी और इस दौरान ग्रामीणों द्वारा समस्त दस्तावेज भी प्रार्थना पत्र के साथ लगाए गए थे। मामले में जांच की बात कही गई थी और कोटेदार पर कार्रवाई की बात भी कही गई थी, परंतु कुछ दिन बाद ही अचानक जिला पूर्ति अधिकारी के और बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। गरीब जनता से कोटेदार द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उनके अनाज में सेंध मारी की जा रही है और वहीं अधिकारी कार्रवाई के साथ-साथ पत्रकारों को जवाब देने से भी कतरा रहे हैं। यह मामला सिर्फ इसी गांव का नहीं है वर्तमान समय में जिला पूर्ति अधिकारी की मनमानी और उनके रवैया से जिले भर के उपभोक्ता परेशान हैं। कोटेदार भ्रष्टाचार की चरम सीमा को पार कर चुके हैं और अधिकारी उनको संरक्षण देते हुए दिखाई देते हैं। ना तो कार्रवाई होती है और ना ही जनता की कोई सुनवाई हो रही है। योगी सरकार के निर्देश जिला पूर्व अधिकारी के लिए मायने नहीं रखते हैं। यही कारण है कि जिले में भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ गया है और शायद एक बार फिर अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो खाद्यान्न घोटाले का जिन्न बाहर निकल सकता है।
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