अयोध्या में ख्यातिप्राप्त कलाकारों की अद्वितीय कृतियों एवं मूर्तियों का किया प्रदर्शन

अयोध्या में ख्यातिप्राप्त कलाकारों की अद्वितीय कृतियों एवं मूर्तियों का किया प्रदर्शन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय मंत्री ने किया अवलोकन 
राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश द्वारा अयोध्या में तीन दिवसीय चित्रकला एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन

देवनन्दन श्रीवास्तव 
अयोध्या। दीपोत्सव-2024 के पावन अवसर पर राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश द्वारा तीन दिवसीय चित्रकला एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन राम कथा पार्क, अयोध्या में 28 से 30 अक्टूबर तक किया जा रहा है। यह विशेष प्रदर्शनी भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र और रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं पर आधारित है, जिसमें प्रदेश और देश के ख्यातिप्राप्त कलाकारों की अद्वितीय कृतियों एवं मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया है। इस भव्य प्रदर्शनी का अवलोकन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति ने किया ।
राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी में प्रदर्शित सभी कलाकृतियां भगवान श्रीराम के पवित्र चरित्र की गाथा का सजीव चित्रण करती हैं। यहाँ रामायण की प्रमुख घटनाओं जैसे अहिल्या उद्धार, शबरी के झूठे बेर, जटायु के बलिदान, केवट के स्वागत, और हनुमान जी की भक्ति का सूक्ष्म वर्णन चित्रों एवं मूर्तियों के माध्यम से किया गया है। इस प्रकार, ये कलाकृतियां भगवान श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन यात्रा और उनके आदर्शों का गहन संदेश प्रस्तुत करती हैं।
प्रदर्शनी संयोजक, अभिनव दीप, (सदस्य, राज्य ललित कला अकादमी) एवं डॉ संदीप श्रीवास्तव (सदस्य, राज्य ललित कला अकादमी) ने बताया कि भगवान श्रीराम के जीवन और आदर्शों का गहन अनुसरण करने वाली इन कृतियों का उद्देश्य राम जी के जन्मस्थल, कर्मस्थल, और धर्मस्थल पर उनके उच्च आदर्शों को जनमानस में पुनः स्थापित करना है। ये सभी चित्र एवं मूर्तियां श्रीराम के आदर्शों और सिद्धांतों को जनसामान्य तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम हैं, जो कला के रूप में न केवल भावनाओं को जागृत करती हैं, बल्कि समाज को भगवान राम के मूल्यों से प्रेरणा लेने का संदेश भी देती हैं।

तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी के दौरान, आगंतुकों को भगवान श्रीराम के जीवन की कथाओं को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने का अवसर मिलेगा, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करेगा, बल्कि कला के विविध रूपों का भी अनुभव कराएगा।
इस अवसर पर निर्देशक राज्य ललित कला अकादमी डॉ. श्रद्धा शुक्ला , आमिर रहमान सिद्दीकी, मनोज कुमार कश्यप, मयंक सक्सेना, सतीश यादव, शोभा मौर्य उपस्थित रहे।

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