गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल" में प्रेस वार्ता का किया गया आयोजन
20 माह से गुरुकुल असाधारण शिक्षा का कार्य कर रहा है : साकेत मिश्रा
"आहार ही औषधि है" जैसे मूल मंत्र के साथ बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के साथ-साथ बच्चों को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व नैतिक शिक्षा से संस्कारित किया जा रहा है: साकेत मिश्रा
नैमिषारण्य तुलसी पीठ द्वारा "शंकरा गुरुकुल विद्या स्पोर्ट्स अकादमी" की शुरुआत की जा रही है, जो निर्माणाधीन है: साकेत मिश्रा
पंकज कश्यप
सीतापुर। नैमिषारण्य तुलसीपीठ द्वारा संचालित "गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल" में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जगत गुरु श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल कांची काम कोटि पीठम कांचीपुरम द्वारा नामित नैमिषारण्य तुलसीपीठ के पीठाधीश्वर साकेत मिश्र ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि आज से बीस माह पूर्व आईआईटी एवं आईआईएम के छात्रों द्वारा संचालित इस गुरुकुल विद्या की स्थापना की गई थी, जिसका उद्घाटन शंकराचार्य ने स्वयं गुरुकुल विद्या में चार दिन प्रवास कर विधि-विधान से पूजन कर इस विद्यालय को मूर्त रूप प्रदान किया। तब से यह गुरुकुल असाधारण शिक्षा का कार्य कर रहा है। "आहार ही औषधि है" जैसे मूल मंत्र के साथ बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने के साथ-साथ बच्चों को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व नैतिक शिक्षा से संस्कारित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हमारे पास 8वीं तक के बच्चे हैं जो तमाम नामचीन स्कूलों से आए हैं, मगर चिंता का विषय यह है कि इन बच्चों का बेसिक बहुत ही कमजोर है, जिससे वे शिक्षित तो बन सकते हैं, लेकिन जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते। वे न तो अंग्रेजी में और न ही हिंदी में शुद्ध शब्द लिख सकते हैं। अभिभावक भी इस तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे नामचीन स्कूलों में दाखिला कराकर निश्चिंत हो जाते हैं और पलटकर यह भी नहीं देखते कि बच्चा कैसे पढ़ रहा है। बहुत ज्यादा हुआ तो ट्यूशन लगाकर इति श्री कर लेते हैं, जो बहुत ही खतरनाक है। आजकल अधिकतर बच्चे पढ़ाई के प्रति उदासीन दिखाई देते हैं, क्योंकि विद्यालयों में पढ़ाई को मनोरंजक न बनाकर पढ़ाई का हौवा बनाया जाता है, जिससे आए दिन दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।
इसीलिए हमारे गुरुकुल ने "मिशन बुनियाद" की अवधारणा की नींव रखी है, जिसका संचालन देश एवं विदेश में तमाम पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके गुरुकुल विद्या के हेड ऑफ स्कूल अमित केसरवानी करेंगे, जिनके पास आईआईटी, आईआईएम अहमदाबाद की योग्यता है और जिन्होंने टाटा की एक बड़ी कंपनी को छोड़कर इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सीतापुर को ही अपना आशियाना बना लिया है। इस मिशन बुनियाद में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी शामिल किया गया है, भले ही वे अशिक्षित क्यों न हों। इस मिशन बुनियाद में एक मैजिक चार प्रश्नों की कॉपी का निर्माण किया गया है, जिसकी तीन चरणों में परीक्षा के बाद 100% रिजल्ट की अवधारणा है। तदोपरांत, इन बच्चों को बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों में कुलपति, निदेशक के साथ मिलने का मौका प्रदान किया जाएगा, जिससे वे मोटिवेट हो सकें। हमारे शिक्षक और आचार्य तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे जब तक पूरा अध्याय बच्चों की समझ में न आ जाए, क्योंकि आजकल स्कूलों में महत्वपूर्ण विषय रटा कर परीक्षा दिलाने का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। हमारा बच्चा 8वीं तक इतना पारंगत कर दिया जाएगा कि वह दुनिया के किसी भी स्कूल में टेस्ट के माध्यम से सर्वोच्च अंक प्राप्त कर दाखिला पा सकता है।
इस मिशन के लिए एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम के लोगों सहित प्रयागराज विश्वविद्यालय के सुप्रसिद्ध चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉ. नचिकेता मिश्रा भी शामिल हैं। इस अभियान के साथ-साथ नैमिषारण्य तुलसी पीठ द्वारा "शंकरा गुरुकुल विद्या स्पोर्ट्स अकादमी" की शुरुआत की जा रही है, जो निर्माणाधीन है और जिसका उद्घाटन जगत गुरु शंकराचार्य जी द्वारा ही किया जाएगा। इस अकादमी में फ्लड लाइटों में मशीन द्वारा बॉलिंग कर क्रिकेट का प्रशिक्षण सक्षम कोच द्वारा दिया जाएगा। इसके साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन कोर्ट की स्थापना, आधुनिक जिम, स्नूकर, बिलियर्ड्स, टेबल टेनिस, स्विमिंग, बॉक्सिंग, फुटबॉल व रग्बी आदि की सुविधा है, जिसका प्रशिक्षण भी सक्षम कोच द्वारा ही दिया जाएगा। एकेडमी का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार करना है। बालिकाओं के लिए भी इस एकेडमी में विशेष सुविधाएं रखी गई हैं, जिसकी टाइमिंग भी अलग से निर्धारित की गई है। इस एकेडमी में "आहार ही औषधि है" के अनुरूप एक शानदार कैफेट एरिया का निर्माण किया जा रहा है।
अभी हाल ही में गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल द्वारा "रग्बी फुटबॉल एसोसिएशन" उत्तर प्रदेश द्वारा जी सेवन यूपी स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन मेजर ध्यान चंद्र स्टेडियम में संपन्न हुआ, जिसमें सहारनपुर की टीम विजयी हुई थी। एक बार फिर रग्बी फुटबॉल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा नेशनल चैंपियनशिप की तैयारी का भार गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल के कंधों पर दिया गया है, जिसमें सीतापुर की भी 5 बालिकाएं शामिल हैं। 15 दिनों के प्रशिक्षण के उपरांत गुरुकुल विद्या पब्लिक स्कूल इन्हें देहरादून में हो रहे नेशनल चैंपियनशिप में ले जाएगा, जिसमें सीतापुर का नाम रोशन होगा।
श्री मिश्र ने शिक्षा के गिरते स्तर को देखते हुए कहा कि नौजवान अनदेखी, अनजानी अंधी गलियों में बेरोजगार भटक रहा है, उसे राह दिखाने वाला कोई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि और तो और ग्रामीण इलाकों में स्थित परिषदीय स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जो बहुत भयावह है। हमें बच्चों को स्कूल भेजने की जगह स्कूल बंद करना एक तरह से गांव, गरीब के बच्चों के साथ अन्याय होगा। ऐसे में जब गांव के ही बच्चे स्कूल नहीं लाए जा सकते, तो वे दूसरे गांव में शिक्षा प्राप्त करने जाएंगे तो कैसे संभव होगा? जबकि इन स्कूलों को गांव में लड़कियों की हिफाजत के लिए ही खोला गया था। उन्होंने कहा कि अगर यूपी सरकार चाहे तो गुरुकुल विद्या ऐसे तमाम स्कूलों को गोद ले सकता है।
आगे चिंता जताते हुए बड़े भारी मन से उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस समय देश में सनातन का डिंडोरा पीटा जा रहा है, देश को विश्व गुरु बनाने का जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है, और दूसरी तरफ प्राचीन शिक्षा पूर्णतः दम तोड़ रही है। सन् 1791 में जब देश मुगलों के अधीन था, तब एक अंग्रेज जोनाथन डंकन ने हिंदू कानून और दर्शन के अध्ययन के लिए वाराणसी में संस्कृत कॉलेज की स्थापना की थी। आज वाराणसी हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री का चुनाव क्षेत्र है, वाराणसी शिक्षा की राजधानी रही है। वहां स्थापित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय बंद होने के कगार पर है, जहां 112 पद स्वीकृत हैं, जिसमें लगभग 90 पद रिक्त हैं। क्या होगा प्राचीन शिक्षा का? क्या होगा जैनागम का? क्या होगा जैन दर्शन का? मीमांसा का? बौद्ध दर्शन एवं प्रकृति न्याय का? चिंता का विषय यह है, तो क्या होगा सनातन धर्म का?
अंत में उन्होंने कहा कि इन्हीं सब विषयों को लेकर गुरुकुल विद्या की टीम ने शिक्षा को सर्वोच्च स्तर पर ले जाने के लिए कमर कसी है, जिससे कम से कम हम अपने जनपद के बच्चों को अनजानी, अनदेखी, अंधी गलियों से निकालकर बच्चों को निरोग, शिक्षित व बलशाली बनाकर अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाना होगा। इसमें जनपद के सभी जनों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर निवर्तमान पीठाधीश्वर शांति शरण मिश्र के पुत्र तुलसी पीठ के सह पीठाधीश्वर अरविंद मोहन मिश्र, पूनम मिश्रा, गुरुकुल विद्या के चेयरमैन तत्पर मिश्र, वाइस चेयरमैन तत्सत मिश्र, निदेशक शिवांगी मिश्रा, प्रधानाचार्या नीरा मिश्रा, स्कूल संयोजक दिव्यांशी श्रीवास्तव, सह संयोजक श्रद्धा मिश्रा, पारुल राज, समृद्धि अग्रवाल, मीतू अग्रवाल, आरती यादव, शगुन मिश्रा, नीलिमा श्रीवास्तव, प्रियंका शुक्ला, निशी दीक्षित, अस्मिता बाजपेई एवं शशांक शेखर उपस्थित रहे।
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