आखिर क्यों मनाया जाता है होली का पर्व, ये है बेहद खास
खीरी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया होली का पर्व
देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। होली का त्यौहार अपने साथ हजारांे खुशियां समेट कर लाता है। ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर एक शख्स होली के रंग में सरोबार दिखाई देता है। हिंदुओं का यह त्यौहार न सिर्फ हिन्दुआंे के लिए बल्कि सभी धर्मों के लिए एकता का एक प्रतीक बनकर आज सम्पूर्ण समाज के सामने प्रस्तुत है। सप्तरंगोंं की यह होली एकता का प्रतीक है। बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाने वाली होली गुरूवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
युगों-युगों से होलिका दहन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। उस समय हिरण्यकश्पिु दानव राज का एक छत्र राज पूरे ब्रम्हाण पर था। किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह हिरण्यकश्पिु के सामने अपनी बात रख सके। ऐसे में स्वयं उसके पुत्र ने हिरण्यकश्पिु का विरोध कर दिया। यह पुत्र कोई और नहीं बल्कि प्रहलाद था। प्रहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त माने जाते है। उनके द्वारा अपने पिता का विरोध सिर्फ इसलिए किया गया कि वह जानते थे कि उनके पिता बुराई के रास्तें पर चल रहे है। उनकी बुआ होलिका द्वारा उन्हें अग्नि में जलाकर मारने का प्रयास किया गया था, जिसे स्वयं भगवान विष्णु ने प्रहलाद को बचाकर यह संदेश दिया कि कभी भी बुराई अच्छाई पर विजय प्राप्त नहीं कर सकती है। होली एक ऐसा ही त्यौहार है।
बुराई पर अच्छाई का प्रतीक यह त्यौहार न सिर्फ हिन्दू समाज में अपितु सभी धर्मों के लोग पूर्ण निष्ठा के साथ मनाते है। गुरूवार को पूरे जिले में होली का यह पर्व मनाया गया। सभी धर्मों के लोगों ने अबीर और गुलाल लगाकर एक-दूसरे को न सिर्फ होली की शुभकामनाएं दी बल्कि यह संदेश दिया कि सप्तरंगी यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत सहित एकता का भी प्रतीक है। जिले की हर तहसील, ब्लाक, कस्बों व गांवों में होली के इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया।
बुराई पर अच्छाई का प्रतीक यह त्यौहार न सिर्फ हिन्दू समाज में अपितु सभी धर्मों के लोग पूर्ण निष्ठा के साथ मनाते है। गुरूवार को पूरे जिले में होली का यह पर्व मनाया गया। सभी धर्मों के लोगों ने अबीर और गुलाल लगाकर एक-दूसरे को न सिर्फ होली की शुभकामनाएं दी बल्कि यह संदेश दिया कि सप्तरंगी यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत सहित एकता का भी प्रतीक है। जिले की हर तहसील, ब्लाक, कस्बों व गांवों में होली के इस पर्व को धूमधाम से मनाया गया।
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