वीडियो- भाजपा नेता की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों को हुई उम्र कैद
देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। तिकुनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम मजरा पूरब निवासी भाजपा नेता बलराम किशोर श्रीवास्तव की हत्या का फैसला 16 नवंबर की शाम आ गया। जिसमें तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसी मामले को लेकर सोमवार की दोपहर स्वर्गीय भाजपा नेता के पुत्र राघवेंद्र श्रीवास्तव व उनके वकील मनीष कुमार सिंह अपने चेंबर में प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को कुछ सम्मानित समाचार पत्रों में जानकारी के अभाव में गलत खबर छाप दी थी इसी कारण इस प्रेस वार्ता का आयोजन करना पड़ा।
एडवोकेट मनीष कुमार सिंह ने बताया कि घटना दिनांक 21.10.2017 की रात्रि 9.15 बजे की ग्राम मझरा पूरब थाना तिकोनिया की है। जहां भाजपा नेता स्वर्गीय बलराम किशोर श्रीवास्तव को गोली मारी गई थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। कारण का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि पंचायत घर वादी राघवेन्द्र के ताऊ राधेश्याम श्रीवास्तव की जगह पर बना है जिस पर बद्री प्रसाद यादव जबरन अवैध कब्जा करना चाहता था। जिसका विरोध मृतक बलराम किशोर श्रीवास्तव व राधेश्याम करते थे। इसी रंजिश के कारण बद्री प्रसाद ने भाड़े के शूटर करन राना व जाकिर को पैसे देकर अपने षड़यन्त्र में शामिल किया था। बद्री प्रसाद यादव ने करन राना व जाकिर के साथ मिलकर एक राय होकर बद्री प्रसाद ने बलराम किशोर की गोली मार कर हत्या कर दी थी। बद्री प्रसाद द्वारा बलराम किशोर की हत्या करते हुए घटना स्थल पर मौजूद राधेश्याम व सुशान्त ने अच्छी तरह से देखा व पहचाना था और बद्री प्रसाद के दोनों साथियों करन राना व जाकिर को भी देखा व पहचाना था।
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कुछ समाचार पत्रों में जानकारी के अभाव में घटना की भ्रामक खबर छपी है जो सत्य नही है। घटना के बाद भी बद्री प्रसाद के घर वालों ने राघवेन्द्र की मां को जान से मारने की धमकी दी, किन्तु स्थानीय पुलिस की सक्रियता के कारण मुल्जिमान सफल नहीं हो सके। न्यायालय परिसर में भी मुकदमें की पैरवी न करने के लिये धमकी व मार-पीट भी बद्री प्रसाद के घर वालों ने की। 16 नवंबर की शाम अपर जिला जज लखीमपुर कुलदीप सक्सेना द्वारा धारा 302 व 120 बी आईपीसी के तहत बद्री प्रसाद, करण राणा व जाकिर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। साथ ही दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इसी के साथ बद्री प्रसाद व करण राणा को नाजायज असलहा रखने का दोषी पाते हुए दो-दो साल की अतिरिक्त सजा व पांच-पांच हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। राघवेंद्र श्रीवास्तव बताया कि वे और उनका परिवार जल्द मिले न्याय से खुश हैं। वह न्यायपालिका और न्यायाधीश का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद न्यायपालिका पर उनका विश्वास और ज्यादा बढ़ गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष से पैरवी शासकीय अधिवक्ता राजेश सिंह तथा मुख्य रूप से पैरवी मनीष कुमार सिंह, एडवोकेट के द्वारा की गयी।
फाइल फोटो स्वर्गीय बलराम किशोर श्रीवास्तव
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