सीएएए और एनआरसी को लेकर पूर्व कांग्रेसी सांसद ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

सीएएए और एनआरसी को लेकर पूर्व कांग्रेसी सांसद ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप


देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। सीएए और एनआरसी पर देश भर में हो रही हिंसा और प्रदर्शन को देखते हुये जहां देश के गृहमंत्री सहित प्रधानमंत्री को भी जनसभाओं के दौरान सीएए और एनआरसी पर लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं। वहीं इस कानून पर राजनीतिक तड़का लगाते हुए खीरी के पूर्व कांग्रेसी सांसद जफर अली नकवी ने प्रेसवार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया तो वहीं महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा और कारखानों के गिरती उत्पाद से लोगों का ध्यान भटकाने का भी आरोप मढ़ दिया। इसके उपरान्त उन्होंने राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम सदर अरूण कुमार सिंह को सौंपा।
  उन्होंने कहा कि भाजपा जनता की आवाज दबाने के लिए देश में तानाशाही का तांडव कर रही है। एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून देश की गरीब जनता के खिलाफ है। एनआरसी और नागरिकता संशोधन का कानून भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। सरकार का काम शांति और सौहार्द बनाये रखते हुए कानून का शासन चलाना और संविधान की रक्षा करना है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार स्वयं ही हिंसा व सामाजिक बंटवारे की जननी बन गई है। केंद्र सरकार जानबूझकर ऐसे कृत्य कर रही है। जिससे देशवासियों का ध्यान मूलभूत समस्याओं से भटका सके। दरसल सच्चाई यह है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों के विरुद्ध न होकर संविधान की मूल भावनाओं के विरुद्ध है। जबकि अनुच्छेद 370, तीन तलाक बिल और अयोध्या पर आए फैसले के खिलाफ मुसलमानों ने कोई आंदोलन नहीं किया, जो कि सीधे मुसलमानों से जुड़े थे। आज एनआरसी और नागरिकता संशोधन के विरोध समाज का हर वर्ग सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करा रहा है। इसीलिये मोदी सरकार की समाज को धर्म के आधार पर बांटने की योजना फेल हो रही है। सभी भाजपा शासित प्रदेशों में आग लगी हुई है, जबकि गैर भाजपा शासित प्रदेशों में लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने का अवसर दिया जा रहा है। जनता के शांतिपूर्ण आंदोलन को भाजपा सरकार तानाशाही तरीके से दबाना चाहती है।



 पूरे प्रदेश में संचार व इंटरनेट बंद होने से बैंकों का सरकारी कार्यालयों पर विपरीत असर पड़ रहा है, जबकि फिरोजाबाद, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, कानपुर और गोरखपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया, गोली चलाई गई। जिसमें 15 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हो गए। करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ। वास्तविकता यह है कि देश के 22 केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईएम, आईआईटी के छात्रों मेडिकल के छात्रों ने जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए पुलिस जुल्म के खिलाफ सड़कों पर आने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी एनआरसी नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध इस शांतिपूर्ण सामाजिक जन आंदोलन के साथ है। कांग्रेस पार्टी का हर एक कार्यकर्ता शांतिपूर्ण आंदोलन में विश्वास रखता है। सत्य और अहिंसा के रास्ते से ही देश को आजादी मिली थी।

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