महा शिवरात्रि पर रूद्राभिषेक का है विशेष महत्व

देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क

लखीमपुर खीरी। रुद्राभिषेक यूं तो कभी भी किया जाए हमेशा शुभ फलदायी होता है लेकिन महाशिवरात्रि के मौके पर इसका महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। शिवपुराण के रुद्रसंहिता में बताया गया है महाशिवरात्रि, सावन सोमवार और शिवरात्रि पर अगर रुद्राभिषेक किया जाए तो यह विशेष फलदायी होता है। रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग को पवित्र स्नान कराया जाता है और यह सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली और चमत्कारी पूजा मानी गई है। रुद्राभिषेक करके भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं।

पंडित कमल किशोर मिश्र बताते हैं कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 1 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है।

 आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।


हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।


रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं, साथ ही ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति देते हैं. माना जाता है कि रुद्राभिषेक का फल भक्त को तत्काल मिलता है. इससे घर की पुरानी बीमारियां और आर्थिक संकट दूर होता है. संतान सुख, वैभव और यश की प्राप्ति होती है
              

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