राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया विजयदशमी उत्सव, पारंपरिक शस्त्रों का किया गया पूजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया विजयदशमी उत्सव, पारंपरिक शस्त्रों का किया गया पूजन

देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। आज का दिन हिंदू समाज के लिए महत्वपूर्ण है। भगवान श्रीराम ने आज के ही दिन समाज को संगठित किया और अत्याचारी रावण का अंत किया। हिंदू समाज गर्व से खड़ा रहे इसलिए इस उत्सव को मनाया जाता है। शक्ति की आराधना करके हमें समाज को मजबूत बनाना है। 4 अक्टूबर 2022 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज (सीबीएसई) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी उत्सव मनाया। कार्यक्रम में नगर के बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पारंपरिक शस्त्रों का पूजन किया गया। मुख्य वक्ता बैरिस्टर विभाग प्रचारक, सीतापुर विभाग थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हिंदू समाज के लिए महत्वपूर्ण है। देश के अंदर घोर अंधकार था, समाज बिखरा हुआ था। हिंदू समाज बहुत ही निराशा में जी रहा था। तब आज के ही दिन डा. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उन्होंने बताया कि संघ के 6 उत्सव हैं, विजयादशमी उनमें से एक है। भगवान श्रीराम ने आज के ही दिन समाज को संगठित किया और अत्याचारी रावण का अंत किया।
हिंदू समाज गर्व से खड़ा रहे इसलिए इस उत्सव को मनाया जाता है। शक्ति की आराधना करके हमें समाज को मजबूत बनाना है। शक्तिशाली का समाज में सम्मान होता है। शक्ति ग्रहण करने के बाद भी हम धर्म का संरक्षण करते हैं न कि किसी दूसरे पर आक्रमण करते हैं। यह भारत का इतिहास रहा है। हिंदू समाज सदैव संपूर्ण विश्व को साथ में लेकर चलना चाहता है और विश्वबंधुत्व का भाव रखता है।
हमारा उद्देश्य धर्म स्थापना है। जब अधर्म का प्रभाव बढ़ता है तो वे लोग कोई समाज हित का कार्य नहीं होने देते हैं। रावण को जलाने का तात्पर्य अधर्म को जलाने से और उससे सीख लेना है कि हमें धर्म के कार्य को आगे बढ़ाना है। द्वापर युग में मानवता का क्षरण हो गया था, तब भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए आततायी कंस का वध किया। आज दुनिया भर में संघ का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। संघ कार्य ईश्वरीय कार्य है। भारत का विजय रथ चल चुका है, जिसे कोई रोक नहीं सकता है। आज विजय दिवस के अवसर पर हम यह संकल्प लें कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने वाला है, लोगों को विश्वास दिलाना है कि हमारा गौरवशाली इतिहास कैसा रहा है। हम जिस धरा पर जन्मे है उस पर हमें अभिमान करना चाहिए। कार्यक्रम में जिला संघचालक स्वर्ण सिंह , अवधेश, संजीव, अमरेश, अविनाश (जिला प्रचारक), अवधेश पुरी, सानू, नीरज, मुख्य शिक्षक के रूप में रामनिवास उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ