किसान सम्मन निधि कार्यक्रम में बोले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी
वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जनपद के 484446 लाभार्थी किसानोें के खाते में 97 करोड़ 28 लाख रूपये हस्तांतरित किए गए।
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। प्रधानमंत्री द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत 16वीं किश्त निर्गत किए जाने के सजीव प्रसारण के आयोजित कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र मझरा फार्म में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा एवं कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही मौजूद रहे। कार्यक्रम में जनपद के 484446 लाभार्थी किसानोें के खाते में 97 करोड़ 28 लाख रूपये हस्तांतरित किए गए।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब लोग जानते है कि लखीमपुर जनपद कृषि क्षेत्र के लम्बे-लम्बे मैदान, बड़ी उपजाऊ भूमि और पानी का स्तर बहुत ऊपर होने के कारण कृषि के लिए बहुत अनुकूल जगह है और इस जिले में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है। हमारे जिले में 10 चीनी मिले, 25 सल्फर प्लान्ट एवं 1000 से ज्यादा गुड़ बनाने की क्रेशर है और इस दृष्टि से और बड़े क्षेत्रफल के कारण गन्ने की उपज हमारे यहां बहुत अच्छी होती थी पहले से सरकार के प्रयासों से यह कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि मंत्री के प्रयासों से कृषि विश्वविद्यालय का कैम्पस हमारे यहां था लेकिन गन्ने में अनुसंधान के लिए गन्ने को अच्छी मिलों की उपलब्धता के लिए उस दृष्टि से अच्छी रिसर्च हो सके और उसका लाभ किसानों को मिल सके। यह हम सबका प्रयास था। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मार्ग दर्शन में मैने कोशिश की कि और उनके प्रयासों से हमको यह दूसरा कृषि विज्ञान केन्द्र गन्ना क्षेत्र में कार्य करने के लिए मिला। उप्र सरकार ने कृषि ऋण माफी योजना चलाकर जहां किसानों को लाभ प्रदान किया है वहीं केन्द्र सरकार ने निरन्तर अनुसंधान के माध्यम से नई-नई योजनाएं चला करके, को-आपरेटिव सेक्टर में भी हमारा यह प्रयास रहा है कि हम अपनी प्राथमिक समितियों को कम्प्टूराइज्ड किया उनके सेन्ट्रल डाटा मिले उस पर भी काम किया और उनको सशक्त बनाने के साथ-साथ वेयर हाउसिंग की दुनिया की सबसे बड़ी योजना केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के बजट को जो 2013-14 में केवल 27000 करोड़ रूपया था उसको पांच गुना बढ़ा करके आज 1,25,000 करोड़ रूपया का कृषि बजट हमारी केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए किया है।
सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री उप्र सरकार ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद लखीमपुर-खीरी के किसान भाई यदि प्रयास करें तो हम पंजाब और हरियाणा से भी आगे निकल सकते है। कृषि विज्ञान केन्द्र गन्ना आधारित अनुसंधान केन्द्र होता है। इसलिए लखीमपुर-खीरी के लगभग 60 फीसदी हिस्से के भीतर केवल गन्ना की खेती होती है। यहां पर गन्ना उत्पादन के साथ-साथ अन्य फसलों का उत्पादन करना भी आवश्यक है। 2014 में केन्द्र सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले कहा कि धरती माता की सेहत खराब हुई है देश के किसानों को धरती माता की सेहत ठीक करने के लिए आगे आना चाहिए। धरती मां की जब सेहत सही होगी तभी हम भी स्वस्थ रहेंगे। हम लोग गन्ने की खेती में उर्वरकों एवं डी0ए0पी0 का अधिक प्रयोग करके खेती हेतु कृषि योग्य भूमि की उपज को कम कर रहे है। इसलिए हमें बदल-बदल कर फसलों की खेती करनी चाहिए। कार्यक्रम में योगेश वर्मा विधायक सदर, मंजू त्यागी विधायक श्रीनगर, पवन गुप्ता ब्लाक प्रमुख नकहा, विश्वनाथ सिंह प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख फूलबेहड़, रविन्द्र पाल सिंह प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख लखीमपुर, सांसद प्रतिनिधि अरविन्द सिंह ‘संजय’, सांसद प्रतिनिधि जितेन्द्र त्रिपाठी ‘जीतू’ एड0, सांसद प्रवक्ता अम्बरीष सिंह, डा0 प्रीती वर्मा, पुष्पा सिंह पूर्व अध्यक्ष अर्बन को-आपरेटिव बैंक, रामनरेश सिंह, प्रमोद सिंह ‘पम्मू’, प्रवीण भार्गव, आचार्य अनूप मिश्रा, दीपक मिश्रा, धीरज शुक्ला ‘मोनू’, शब्देश वर्मा, शान्तनु तिवारी, सतीश श्रीवास्तव, संतोश दीक्षित सहित भारी संख्या में किसान बंधु मौजूद रहे।
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