राम मोहन गुप्त 'अमर' के काव्य संग्रह "बंदिशे जीवन की" का विमोचन संपन्न
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। नगर के समाजसेवी साहित्यकार राम मोहन गुप्त 'अमर' के काव्य संग्रह "बंदिशे जीवन की" का विमोचन एवं लोकार्पण भारी जनसमूह के मध्य संपन्न हुआ।
नगर पालिका परिषद लखीमपुर द्वारा दशहरा मेला के सांस्कृतिक मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में राम मोहन गुप्त 'अमर' के एकल काव्य संग्रह "बंदिशें जीवन की" का विमोचन एवं लोकार्पण मुख्य अतिथि इंजी. अवनीश कुमार सिंह, सदस्य विधान परिषद, लखनऊ खंड स्नातक, राष्ट्रीय स्वयं संघ समरसता प्रमुख अवध क्षेत्र राजकिशोर मिश्र, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष डा इरा श्रीवास्तव, श्रीमती दिव्या सिंह ब्लाक प्रमुख लखीमपुर, सुविख्यात कवि अजय अंजाम, सर्वेश अस्थाना, डा अर्जुन सिसोदिया, महेश श्रीवास्तव, अधिशासी अधिकारी संजय कुमार आदि के कर कमलों से भारी जन समूह के मध्य किया गया।
पुस्तक के लेखक राममोहन गुप्त ने बताया कि हमारे जीवन में कुछ ऐसे नियम संयम होते हैं जिनका अनुपालन जरूरी होता है, भले ही ये हमें बंधन प्रतीत होते हों किन्तु इनके अनुशरण से हम अपने जीवन को सफल, सुरक्षित और सरल बना सकते हैं।
जैसे कि...
"बड़ों की सुधी नजर, डांट और फटकार
लगे बुरी भले ही,होती है जीने का आधार"
और...
"सीट बेल्ट, हेलमेट तभी तो हम लगाते हैं
वक्त जरूरत ये ही तो जीवन को बचाते हैं"
इस अवसर पर जगदीश गुप्ता, विनोद गुप्ता, कुलदीप समर, विशेष शर्मा, मेलाध्यक्ष मनोज राज, सहयोगी मेलाध्यक्ष श्वेता शर्मा, पिंकी देवी, बजरंग शर्मा, बृजेश पाल, अनूप शुक्ला, कौशल तिवारी, विनोद गौतम, राकेश, मेलाधिकारी अमरदीप मौर्य, सहायक मेलाधिकारी मुरारी लाल सूर्यवंशी, कनिष्क बरनवाल, विशाल शुक्ला, अमित सोनी, मोहित, नीरज रस्तोगी, मानस मिश्रा सहित भारी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।
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