कथा में भगवान श्री कृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह का वर्णन किया
देवनन्दन श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। मोहल्ला जोड़ी बंगला,नौरंगाबाद के चंदेल लाॅन में श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा सुनाते हुए भागवत व्यास पं०अमित कृष्ण महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह का वर्णन किया । भगवान के पुत्र पौत्र आदि का वर्णन किया। भागवत व्यास जी ने कहा हमारे सभी महापुरुषों के एक पुत्र नहीं था सैकड़ों पुत्र होते थे, भगवान श्री राम जी स्वयं चार भाई थे। भगवान श्री कृष्ण आठ भाई थे परन्तु आज हिंदू एक पुत्र के चक्कर में सनातन समाप्त करने पर लगा है। अरे जब सौ सौ पुत्र होते थे तब देश सुखी था आज सब दुखी। जो आयेगा भगवान सब को भोजन देंगें।
देश बचाना है तो सभी को सनातन में वृद्धि हेतु श्रृष्टि करनी होगी। व्यास अमित कृष्ण शास्त्री जी ने सुदामा चरित की कथा सुनाते हुए कहा सुदामा कोई दरिद्र गरीब नहीं थे। सुदामा के पास धन नहीं था लेकिन सुदामा धर्म के धनवान थे। धन ना हो तो विचलित नहीं होना चाहिए। अपने धन का सद प्रयोग करना चाहिए। किसी से धन मांगना नहीं चाहिए कर्म करो फल भगवान देगा। कर्म से धर्म से कर्तव्य से सुदामा नहीं हटे तो भगवान ने उनके चरण धोए। हम गलत अन्न का प्रयोग ना करे किसी का झूंठ बोलकर धन ना ले आप कभी दुखी नहीं होंगे भगवान श्री कृष्ण एवं सभी रानियों का विस्तार से वर्णन किया। राजा परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते ही सभी भाव विभोर हो गये ।कथा के विश्राम दिवस आयोजन समिति ने भागवत ब
व्यास जी का स्वागत कर अंगवस्त्र भेंट किया बिदाई की । श्रीमद भागवत कथा 19 दिसंबर से 25दिसंबर तक अनवरत चली। 26 दिसंबर को भंडारा हवन पूजन होगा। आए हुए आगंतुकों का आभार समिति के महासचिव आर्येन्द्र पाल सिंह ने किया। कथा में मुख्य रूप से संदीप सिंह चौहान, आचार्य संजय मिश्र, आर्येन्द्र पाल सिंह, राजशेखर, ईशान गुप्ता, भानु प्रताप सिंह, ध्रुव सिंह, शैलेन्द्र मौर्य, जंग बहादुर सिंह, पियूष सिंह, रूबी गुप्ता, वन्दना सिंह, सुधा सिंह सहित सैकड़ों की तादाद में धर्मानुरागी उपस्थित रहे।
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